Saturday, November 26, 2011

पुलिस व निगम को क्यों नहीं दिखा अवैध निर्माण


नई दिल्ली, जागरण संवाददाता : चारों तरफ पर्दा लगाकर प्लाट में अवैध निर्माण हो रहा है और पुलिस व निगम कहें कि उन्हें दिखाई नहीं दिया तो यह चिंता का विषय है। यह टिप्पणी करते हुए कड़कड़डूमा कोर्ट के सिविल जज राजकुमार ने वेलकम थाना प्रभारी और नगर निगम शाहदरा उत्तरी जोन के उपायुक्त को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। दोनों संस्थाओं से दो दिसंबर तक अदालत में पेश होकर जवाब दाखिल करने को कहा गया है।
अधिवक्ता तेज सिंह चौहान ने बताया कि मोहम्मद शमीम ने छज्जूपुर में चाणक्य मार्ग पर प्लाट का टुकड़ा खरीदने से पहले नगर निगम अधिकारियों से पूछताछ की कि वह जिस प्लाट को खरीदना चाहता है, क्या उसका नक्शा पास हो जाएगा? निगम अधिकारियों ने कहा कि प्लाट टुकड़ों में होने के कारण उसका नक्शा पास नहीं होगा। कुछ दिन बाद मोहम्मद शमीम ने देखा कि जिस प्लाट को वह खरीदना चाहता है, उसके बराबर वाले प्लाट में चारों तरफ पर्दा लगाकर एक व्यक्ति द्वारा निर्माण कार्य कराया जा रहा था। उसने उक्त निर्माण कार्य के संबंध में निगम अधिकारियों को शिकायत की तो निगम अधिकारियों ने निर्माण कार्य को लेकर कुछ भी बताने से इनकार कर दिया और कहा कि उन्हें वहां पर कोई भी अवैध निर्माण दिखाई नहीं दे रहा। मोहम्मद शमीम ने उक्त जगह की फोटो कराई और मामले की शिकायत वेलकम थाना पुलिस से की, मगर पुलिस ने भी कोई कार्रवाई नहीं की। शमीम ने उक्त मामले में अदालत में याचिका दायर की। उसने अदालत के समक्ष अवैध निर्माण के फोटोग्राफ भी पेश किए।

बंटवारे पर विधानसभा का विशेष सत्र 30 से

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। दिल्ली मंत्रिमंडल ने 30 नवंबर से दिल्ली विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का फैसला लिया है। दो दिन के इस सत्र में दिल्ली नगर निगम के विभाजन के फैसले पर मुहर लगाए जाने की उम्मीद है। विधानसभा से हरी झंडी मिलने के बाद बंटवारे की फाइल एक बार फिर दिल्ली के उपराज्यपाल और केंद्रीय गृह मंत्रालय के माध्यम से राष्ट्रपति के पास जाएगी और उनके हस्ताक्षर के बाद निगम के विभाजन की संवैधानिक प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। 
     गृह मंत्रालय से बंटवारे की फाइल बृहस्पतिवार सुबह दिल्ली सचिवालय पहुंची। इसके बाद अपराह्न चार बजे मुख्यमंत्री शीला दीक्षित की अध्यक्षता में दिल्ली मंत्रिमंडल की बैठक हुई। इसमें विधानसभा का दो दिन का विशेष सत्र बुलाने का फैसला लिया गया। 
     नगर निगम के बंटवारे को अंजाम तक पहुंचाने में मिली सफलता से गदगद दिख रही मुख्यमंत्री ने बताया कि अब दिल्ली में पूर्वी, उत्तरी और दक्षिणी तीन नगर निगम होंगे। महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा। अनुसूचित जातियों के लिए भी सीटें आरक्षित की जाएंगी। उन्होंने बताया कि नगर निगम की सीटों की संख्या में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। कुल सीटें 272 ही रहेंगी। इनमें से उत्तरी तथा दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में 104-104 सीटें होंगी जबकि पूर्वी दिल्ली नगर निगम का स्वरूप इन

वक्त का तकाजा था निगम का बंटवारा

   नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने दिल्ली नगर निगम को तीन हिस्सों में विभाजित किए जाने के फैसले को ऐतिहासिक करार दिया है। लेकिन उन्होंने दिल्ली वालों को यह ताकीद भी की है कि उनके हाथ में कोई जादू की छड़ी नहीं है कि नगर निगम की व्यवस्था को रातों रात बदल डालें। मुख्यमंत्री ने संकेत दिए कि उनकी सरकार ने नई व्यवस्था को अमल में लाने की तैयारी शुरू कर दी है। स्थानीय निकाय निदेशालय की रूपरेखा बनाई जा रही है। किस प्रकार तीनों निगमों के बीच सामंजस्य हो, इसका ढांचा बनाया जा रहा है। लेकिन इस प्रक्रिया को पूरा करने में करीब एक साल का वक्त लगेगा। 
     मुख्यमंत्री ने कहा कि यह फैसला न केवल दिल्ली के लिए, बल्कि पूरे देश में स्थानीय निकायों के संचालन के लिए एक नजीर है। उन्होंने कहा कि हर शहर की आबादी में तेजी से इजाफा हो रहा है। इसलिए वक्त का तकाजा है कि स्थानीय निकायों को अलग-अलग हिस्सों में बांटकर सरकारी सुविधाएं आम लोगों तक बेहतर तरीके से पहुंचाई जाएं। सूरत, नागपुर आदि शहरों के नाम गिनाते हुए उन्होंने कहा कि वहां पर स्थानीय निकाय बेहतर काम कर रहे हैं क्योंकि उनका जरूरत के अनुरूप विभाजन किया गया है। 
     शीला दीक्षित ने बानगी के तौर पर बाहरी दिल्ली में सड़कों की स्थिति की चर्चा करते हुए कहा कि अब वहां का नगर निगम