Thursday, November 24, 2011

दिल्ली नगर निगम के विभाजन को मंजूरी


Nov 23, 09:55 pm

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो: केंद्र सरकार ने दिल्ली नगर निगम को तीन हिस्सों में बांटने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने बृहस्पतिवार शाम चार बजे दिल्ली मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई है। बैठक में दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र की तारीख तय की जाएगी ताकि नगर निगम के विभाजन के फैसले को अमली जामा पहनाया जा सके।
मुख्यमंत्री ने बुधवार को केंद्रीय गृहमंत्री पी चिदंबरम से मुलाकात के बाद नगर निगम के विभाजन के फैसले की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गृहमंत्री ने बंटवारे से संबंधित फाइल पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। मुख्यमंत्री ने नगर निगम विभाजन के मामले में एक अप्रत्याशित कदम उठाते हुए बुधवार को अपने पूरे मंत्रिमंडल को साथ लेकर गृहमंत्री चिदंबरम से मिलने का फैसला किया और शाम करीब पांच बजे नार्थ ब्लॉक जा पहुंची। दिल्ली सरकार के मंत्रियों ने बताया कि गृहमंत्री ने इस बैठक में जानकारी दी कि उन्होंने फाइल पर हस्ताक्षर कर दिए हैं और यह बुधवार देर शाम अथवा बृहस्पतिवार सुबह तक दिल्ली सरकार के पास पहुंच जाएगी। इस सूचना से उत्साहित मुख्यमंत्री व तमाम मंत्रियों ने गृहमंत्री का आभार जताया और निकल आए।
बता दें कि बीते 8 नवंबर को ही मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने गृहमंत्री से अपने अधिकारियों के साथ मुलाकात की थी और 11 नवंबर को बंटवारे के प्रस्ताव पर गृह मंत्रालय की मोहर लगने का ऐलान भी कर दिया। लेकिन उस दिन कुछ भी नहीं हुआ। पिछले 12 दिनों तक लगातार प्रयास करने के बाद बुधवार को उन्होंने दबाव की राजनीति और इस फैसले को लेकर आपसी एकजुटता का प्रदर्शन करने के लिए अपने पूरे मंत्रिमंडल के साथ गृहमंत्री से मिलने का फैसला किया। उनकी यह कोशिश रंग भी लाई।
दिल्ली सरकार के जानकार सूत्रों की मानें, तो मंगलवार को ही संबंधित फाइल के दिल्ली सचिवालय पहुंचने की संभावना थी। सरकार के कुछ आला अधिकारी देर शाम तक अपने दफ्तरों में बैठकर इसका इंतजार भी करते रहे। बाद में निराश होकर चले गए। समझा जा रहा है कि लगातार हो रही देरी के मद्देनजर ही मुख्यमंत्री ने पूरे मंत्रिमंडल को साथ लेकर गृहमंत्री से मिलने का दांव चला जो कारगर रहा।

निदेशालय की निगरानी में रहेंगे तीन निगम


Nov 23, 09:55 pm

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो: केंद्र की मंजूरी के बाद दिल्ली नगर निगम को तीन हिस्सों में बांटने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। इसके साथ ही तीनों नगर निगमों में अब 50 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित करने संबंधी प्रस्ताव पर भी मोहर लग गई है। दिल्ली म्युनिसिपल कॉरपोरेशन (अमेंडमेंट) बिल के प्रस्तावित प्रावधानों के मुताबिक नगर निगम को पूर्वी दिल्ली, उत्तरी दिल्ली तथा दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के तौर पर तीन हिस्सों में विभाजित कर दिया जाएगा। वार्डो की संख्या 272 ही रहेगी और इसमें से 50 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हो जाएंगी।
तीनों निगमों के लिए अलग-अलग तीन महापौर व तीन उपमहापौर होंगे। इसके अलावा तीनों निगमों के लिए अलग-अलग तीन आयुक्तों की भी नियुक्ति की जाएगी। आयुक्तों के आर्थिक अधिकारों में वृद्धि की जाएगी। इसे 25 लाख से बढ़ाकर एक करोड़ रुपये कर दिया जाएगा। प्रस्तावित बिल के अनुसार मुख्यमंत्री की अगुवाई में एक समिति का गठन किया जाएगा जो तीनों महापौरों व उपमहापौरों के कामकाज पर नजर रखेगी। सड़क, फ्लाईओवर, प्राथमिक शिक्षा, पार्क भवन उपनियमों का नियमन, अधिकारियों की नियुक्ति और उनके तबादले आदि मामले सीधे दिल्ली सरकार के अधीन हो जाएंगे।
एक स्थानीय निकाय निदेशालय का गठन किया जाएगा। एक प्रमुख आयुक्त होगा जो तीनों निगमों के कामकाज की निगरानी करेगा। इस प्रमुख आयुक्त तथा तीनों आयुक्तों की नियुक्ति केंद्रीय गृह मंत्रालय दिल्ली सरकार के साथ मंत्रणा के बाद करेगा। बंटवारे के बाद उत्तरी दिल्ली दक्षिणी दिल्ली नगर निगमों के तहत 104-104 वार्ड तथा 26-26 विधानसभा क्षेत्र आएंगे होंगे जबकि पूर्वी दिल्ली नगर निगम के तहत 64 वार्ड और 16 विधानसभा क्षेत्रों को रखा जाएगा।
उत्तरी दिल्ली नगर निगम के तहत 52 लाख की आबादी आएगी। बादली, रिठाला, बवाना, किराड़ी, मंगोलपुरी, त्रिनगर, मॉडल टाउन, सदर बाजार, चांदनी चौक, मटियामहल, करोलबाग, मोतीनगर आदि क्षेत्र इसके तहत आएंगे। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के तहत 49 लाख लोगों की आबादी आएगी। इसके तहत महिपालपुर, रजौरी गार्डन, जनकपुरी, हरि नगर, तिलक नगर, द्वारका, जंगपुरा, ग्रेटर कैलाश, आरके पुरम, मालवीय नगर, कालकाजी, अंबेडकर नगर, बदरपुर आदि इलाके आएंगे।
पूर्वी दिल्ली नगर निगम के तहत 32 लाख लोगों की आबादी आएगी। पटपड़गंज, कोंडली, लक्ष्मी नगर, सीमापुरी, घोंडा, करावल नगर, बाबरपुर, शाहदरा आदि क्षेत्र इसके तहत आएंगे। विधेयक के मुताबिक अनुसूचित जातियों के लिए 46 सीटें आरक्षित रहेंगी जबकि इस कोटे में भी महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण मिलेगा। उत्तरी दिल्ली में 20, दक्षिणी दिल्ली में 15 तथा पूर्वी दिल्ली में 11 सीटें अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित रहेंगी।

साउथ एक्स. में दस अवैध निर्माण सील


Nov 23, 11:38 pm

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता : अवैध निर्माण के खिलाफ चल रही दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) की कार्रवाई बुधवार को भी जारी रही। इस बार कार्रवाई हुई साउथ एक्सटेंशन में। अपरान्ह दो बजे के बाद सेंट्रल जोन के भवन विभाग ने क्षेत्र की 10 इमारतों में बने अवैध निर्माण को सील कर बिजली-पानी का कनेक्शन भी काट दिया। इस दौरान एक ऐसे संपत्ति को सील किया गया, जिसमें अवैध रूप से 20 दुकानें चल रही थीं। हालांकि गत दिनों की तरह बुधंवार को भी पुलिस बल विलंब से मिला, जिसके चलते सीलिंग की कार्रवाई काफी देर से शुरू हो पाई।
इसके साथ ही मंगलवार को साउथ एक्सटेंशन पार्ट-वन में सील किए गए पेइंग गेस्ट हाउस को देर शाम चंद घंटे के लिए खोला गया। वहां रहने वाली लड़कियों ने अंदर से अपना सामान निकालने के लिए कमरों को खोलने का आग्रह किया था। इसके बाद बुधवार को दोबारा पेइंग गेस्ट हाउस को एमसीडी ने सील कर दिया। भवन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक अभी सप्ताह भर साउथ एक्सटेंशन इलाके में इसी तरह की कार्रवाई जारी रहेगी। इसके तहत पार्ट-वन में अवैध रूप से चल रहे आठ-10 पेइंग गेस्ट हाउस को और सील किया जाएगा। इसकी सूचना संपत्ति मालिक को दे दी गई है।
उधर, एमसीडी के निदेशक (सूचना एंव प्रचार) योगेंद्र सिंह मान बताते हैं, बुधंवार को नियमित कार्रवाई के तहत एमसीडी के तीन अलग-अलग जोन में कुल 46 संपत्तियों (मकान) में हुए अवैध निर्माण को ढहाया। दक्षिणी जोन में कुल सात संपत्तियों में हुए अवैध निर्माण पर एमसीडी के कार्रवाई कर ढहाया। यहां के हौज खास इलाके में संपत्ति संख्या 43, 73 व टी 71 में अवैध रूप से निर्मित हिस्से को जब ढहाने के लिए एमसीडी का दस्ता पहुंचा तो वहां स्थानीय लोगों ने विरोध किया। संपत्ति मालिकों का कहना था कि निर्माण को ढहाने की बजाए फिलहाल सील कर दिया जाए। मगर उनकी मांग नहीं मानी गई। इसके अलावा रोहिणी जोन में 9 तो सदर पहाड़गंज जोन में 30 संपत्तियों के अलग-अलग मंजिल पर हुए अवैध निर्माण के खिलाफ एमसीडी ने कार्रवाई की। सदर बाजार के पहाड़ी धीरज, मुलतानी ढांडा इलाके में कई मकानों में पांचवी मंजिल तक लोगों ने अवैध रूप से बना ली थी।

जिनके कागजात सही होंगे उन कॉलोनियों को नियमित करेंगे: शीला


Nov 25, 02:03 am

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। कागजी अनधिकृत कॉलोनियों के मामले में मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने बृहस्पतिवार को कहा कि जिन कॉलोनियों के कागजात सही होंगे उन्हें नियमित किया जाएगा। लेकिन जिन मामलों में गड़बड़ी है उनके खिलाफ कार्रवाई भी होगी और उनका नियमितीकरण भी नहीं हो पाएगा।
कागजी कॉलोनियों के मामले में लोकायुक्त जस्टिस मनमोहन सरीन द्वारा दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किए जाने के बारे में पूछने पर मुख्यमंत्री ने बताया कि गड़बड़ी करने वाली कॉलोनियों को सरकार ने भी नोटिस जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार ने अनधिकृत कॉलोनियों को केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए दिशा निर्देशों के अनुरूप नियमितीकरण का प्रोविजनल सर्टिफिकेट जारी किया।

पड़ताल : हिंडन पर तीसरे पुल का निर्माण


Nov 23, 06:01 pm

आशुतोष मिश्रा, गाजियाबाद
लोगों को सुगम यातायात व्यवस्था देने के लिए हिंडन पर तीसरे पुल का निर्माण शुरू किया गया। हालांकि, छह महीने में केवल बीस फीसदी काम हुआ है। जीडीए द्वारा इसे डेढ़ साल में पूरा करने का वायदा किया गया था। लेकिन, वर्तमान प्रगति के हिसाब से नहीं लगता है कि काम समय पर पूरा हो पाएगा। इस संबंध में जीडीए उपाध्यक्ष नरेंद्र कुमार चौधरी का कहना है कि पुल का काम समय से पूरा हो जाएगा। अभी एक साल का समय बाकी है।
जीटी रोड पर यातायात व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए काफी दिनों से हिंडन पर अतिरिक्त पुल बनाने की मांग चल रही थी। इसे लेकर जीडीए ने कई बार योजना बनायी, लेकिन हर बार किसी न किसी कारण पुल बनाने का पूरा नहीं हो पाया।
स्वरूप और बनने की मियाद
काफी दिनों की कवायद के बाद जीडीए ने निर्धारित किया कि हिंडन पर दोनों पुलों के बीच तीसरे पुल का निर्माण किया जाएगा। पुल का डीपीआर बनने में ही 6 महीने लग गए। डीपीआर के मुताबिक पुल की कुल लंबाई 170 मीटर और चौड़ाई 11 मीटर है। पुल पर तीन लेन की सड़क होगी, जिससे वाहनों का आवागमन रहेगा। इसकी लागत करीब 29 करोड़ रुपये है। पुल का निर्माण 21 मई को शुरू किया गया और इसे पूरा होने की मियाद नवंबर 20 रखा गया।
निर्माण की गति धीमी
पुल निर्माण को शुरू हुए 6 महीने का समय बीत चुका है लेकिन अभी तक केवल 20 फीसदी निर्माण पूरा हुआ है। अभी तक एक भी पिलर का काम पूरा नहीं हुआ है। सहायक अभियंता ए.के.चौधरी ने बताया कि दोनों और सड़क निर्माण के लिए 20 मीटर का भराव किया जा चुका है। पिलर बनाने का काम तेजी से चल रहा है। उनका दावा है कि समय पर काम पूरा हो जाएगा।
विलंब से यातायात व्यवस्था पर असर
पुल का निर्माण यातायात व्यवस्था दुरूस्त करने के लिए किया जा रहा है लेकिन उल्टे पुल पर जाम की आम समस्या हो गयी है। एक साल बाद सड़कों पर यातायात दबाव बढ़ने की संभावना अधिक है। ऐसे में पुल पर यातायात का दबाव भी अधिक है। जब तक पुल बनेगा तब तक अतिरिक्त पुल की आवश्यकता महसूस की जाने लगेगी।

श्याम पार्क में बन रहे अवैध मकान व दुकान

Nov 23, 08:08 pm

गाजियाबाद, वरिष्ठ संवाददाता : श्याम पार्क में बड़े भूखंडों पर अवैध निर्माण का खेल काफी जोर शोर से चल रहा है। एक भूखंड पर मानकों के अनुरूप निर्माण न होने से कॉलोनी का स्वरूप बिगड़ता जा रहा है। बिल्डरों द्वारा फ्लैटों के साथ-साथ दुकानें भी बनायी जा रही हैं। रिहायशी इलाके में बिल्डरों द्वारा दुकानें बनाने के कारण अतिक्रमण और सड़कें टूटने की शिकायत मिल रही है। इससे लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है।
बड़े भूखंडों पर नक्शे के विपरीत होता है निर्माण
श्याम पार्क में बड़े भूखंडों पर बिल्डरों की निगाह हर समय पड़ी रहती है। बिल्डर समय देखकर ऐसे भूखंडों को खरीदकर फ्लैट का निर्माण कर रहे हैं। ऐसे भूखंडों पर बहुमंजिला इमारतें बनायी जा रही है। बिल्डरों द्वारा ऐसे मामलों में जीडीए से नक्शा तो पास कराया जाता है, लेकिन नक्शे के विपरीत निर्माण किया जाता है। वर्तमान में एक दर्जन से अधिक स्थानों पर अवैध निर्माण चल रहा है। जीडीए अधिकारी इसे रोकने में अक्षम हैं।
फ्लैटों के साथ बनाए जाते हैं बेसमेंट और दुकानें
कॉलोनी में चल रहे अवैध निर्माण को रोकने के लिए जीडीए का प्रवर्तन दस्ता सक्रिय नहीं है। यहां पर नक्शे के विपरीत बेसमेंट का निर्माण किया जाता है। यही नहीं बेसमेंट के साथ दुकानें बनाकर बिल्डर उन्हें बेच देते हैं ऐसे में उनका मुनाफा दुगुना हो जाता है। यह स्थिति लगातार बनी हुई है। वर्तमान में कॉलोनी में सैकड़ों की संख्या में अवैध दुकानें बन गयी हैं।
रिहायशी इलाके में बनी दुकानों से होती है परेशानी
रिहायशी इलाके में दुकानें बनने के कारण यहां के लोगों को काफी परेशानी होती है। दुकानों के कारण सड़कों पर अतिक्रमण के अलावा भीड़ भाड़ हो जाती है इसकी वजह से लोगों को रहने में असुविधा होती है। कई इलाकों में मकानों के नीचे बाजार बन गए हैं।
इस संबंध में जीडीए सचिव नरेंद्र कुमार का कहना है कि इस मामले में अवैध निर्माण को रोकने के लिए अभियंताओं को विशेष हिदायत दी गयी है।