Wednesday, November 16, 2011


डीडीए अथॉरिटी की बैठक में हंगामा

Nov 15, 10:40 pm
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता:
फर्जी कॉलोनियों को बांटे गए प्रोविजनल सर्टिफिकेट के मामला उपराज्यपाल की अध्यक्षता में हुई डीडीए अथॉरिटी की बैठक में जोर-शोर से उठा और इस मुद्दे को लेकर जम कर हंगामा हुआ। सदस्यों ने मामले की जांच सीबीआइ से कराने की मांग की। उपराज्यपाल ने इसकी जांच के लिए हाईलेवल कमेटी के गठन की बात कही है। उन्होंने इस संबंध में आश्वासन दिया, तब जाकर सदस्य शांत हुए। उपराज्यपाल ने बैठक में कहा कि यह गंभीर मामला है इसकी जांच कराई जाएगी।
डीडीए अथॉरिटी की बैठक शुरू होते ही भाजपा विधायक व डीडीए के सदस्य डॉ. हर्षवर्धन ने अवैध कॉलोनियों का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि पहले इस बात पर चर्चा की जाए कि दिल्ली सरकार ने 2008 में ऐसी कॉलोनियों को किस आधार पर प्रोविजनल सर्टिफिकेट बांट दिए जो कॉलोनियां हैं ही नहीं। उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली की मुख्यमंत्री ने इस मामले की जांच भी एक ऐसे मंत्री को सौंप दी है, जिसके दस्तखत से ही इन कॉलोनियों को प्रोविजनल सार्टिफिकेट बांटे गए थे। डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि मामले को लोकायुक्त में भेजा गया है। जिस पर इस संबंध में दिल्ली की मुख्यमंत्री को नोटिस भी मिला है।
डीडीए सदस्य राजेश गहलौत ने कहा कि राधा कृष्ण विहार, कोटला महीगराम एक्सटेंशन, अबुल फजल एनक्लेव पार्ट-टू जीएच ब्लॉक, शक्ति एनक्लेव ऐसी चार कॉलोनियां के नाम हैं जिनका अस्तित्व सिर्फ कागजों में है। जबकि दिल्ली सरकार 2008 में इन्हें प्रोविजनल सर्टिफिकेट दे चुकी है। वहीं कांग्रेस के सुभाष चोपड़ा ने मांग की कि यह करोड़ों का घपला है। मामले की जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जो लोग इसमें शामिल रहे हैं उनके खिलाफ कार्रवाई हो।

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